कुछ सालो से भारत ने बिजली से चलने वाली गाड़ियों (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स या ईवी) में सुधर देखा है। जबकि भारतीय सरकार ने ईवी को अलग-अलग कार्यक्रमों और नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया है ताकि मनुफक्चरर्स और यूजर्स को प्रोत्साहित कर सके और उन्हें सब्सीडी से लुभाया जा सके। भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में सही दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसी क्रम में Hopcharge इलेक्ट्रिक व्हीकल की दुनिया में अपने नए टेक्नोलॉजी- On Demand Charging से अलग ही मक़ाम हासिल करने में लगा है

चलिए एक आसान सवाल से शुरू करते हैं. जब आपके इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात आती है आपके लिए सबसे बड़ी समस्या क्या है?
रेंज, लिस्ट में सबसे ऊपर आता है साथ ही चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी। जहाँ ये समस्या दुनिया भर में है विशेष रूप से भारतीय ड्राइवर्स के लिए महत्वपूर्ण है वहीं गुरुग्राम बेस एक स्टार्टअप हॉपचार्ज ने इस समस्या का सलूशन दे रही है जो दुनिया में पहली On Demand Electric Vehicle Charging सेवा होगी, जो इस्तेमाल करने वालों के दरवाज़ों तक पहुँचता है।
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सीईओ अर्जुन सिंह और CXO सौरभ रोहिल्ला द्वारा 2019 में स्टैब्लिश Hopcharge ने धूम मचाई है। कंपनी का इरादा है कि वे आने वाले कुछ महीनो में हॉपचार्ज को सभी बड़े शहरी क्षेत्रों में शुरू करेंगे। 2019 में स्थापित Hopcharge इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गयी पोर्टेबल और जुड़ने वाली पावर बैंक्स के साथ एक चार्जिंग सिस्टम लेन के लिए काम कर रहा है।
Hopcharge का काम क्या है?

यह एक ऑन-डिमांड इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग समाधान प्रदान करने वाली कंपनी है। कंपनी फ्लीट ओनर्स और दूसरे लोगो के लिए भी On Demand Electric Vehicle Charging समाधान प्रदान करती है। इसमें मुख्य फीचर्स है- ऑप्टीमाइज़्ड इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, बैटरी लाइफ की प्रबंधन, और घर के समीप ऑन-डिमांड रिचार्जिंग साधन का प्रदान करना।
मुसीबतों भरा रहा है Hopcharge का सफर
एक लाइव चाट में Hopcharge के सीओ-फाउंडर और सीईओ अर्जुन सिंह ने इस स्टार्टअप के पीछे की शानदार जर्नी को भी साझा किय। उनके अनुसार उनका इंस्पिरेशन का सोर्स उन्होंने इंडस्ट्री में एक गैप से पहचाना था और इस चुनौती को एड्रेस करने का इरादा वही से आया। इसी समस्या ने भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझ रहे लोगो के लिए हॉपचार्ज के जन्म के लिए प्रेरित किया।
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मुद्दा इस आईडिया को अपनाने का नहीं बल्कि ईव चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता है। उन्होंने बताया की घर पर लोकल चार्जिंग स्टेशन, इंडस्ट्री के विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। समस्या इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर्स को अपने घरो में चार्जिंग स्टेशन्स या सुव्यवस्थित चार्जिंग डिवाइसेस की अवेलेबिलिटी न होना नहीं है , इसका मुख्य एक कारन है कि वे इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने का चयन नहीं करते।
कैसा है On Demand Electric Vehicle Charging का मार्केट
उनके अनुसार उन्होंने उनका विकसित किया गया बिज़नेस मॉडल ने मार्किट में अपने पोटेंशियल को दिखाया है। उनका मानना है On Demand Electric Vehicle Charging का सिर्फ इंडिया का टोटल मार्किट साइज ही 19 अरब डॉलर का है। आगे उन्होंने ये बताया की ये आकड़े पर्सनल और कमर्शियल 4W इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्किट के हिसाब से हैं जिसमे बड़े साइज के इलेक्ट्रिक व्हीकल को इन्क्लूड नहीं किया गया है अन्यथा ये मार्किट साइज और भी बड़ा होता है। वही अगर ग्लोबल मार्किट साइज का अंदाजा लगाया जाये तो ये भारत के मार्किट साइज से काफी ज्यादा होने वाला है क्योकि वेस्टर्न कंट्रीज में इलेक्टिक गाड़ियों का एडॉप्शन ज्यादा है।
क्या है Hopcharge की On Demand Electric Vehicle Charging टेक्नोलॉजी
अपने किराने की दूकान की तरह आप अब On Demand Electric Vehicle Charging को आर्डर कर घर पर मंगवा सकते हैं। सिंह बताते हैं की इसके लिए बस उनके सर्विसेज के लिए सिर्फ साइन-अप करना होता है।

Hopcharge प्राउडली अपने इनोवेटिव टेक्नोलॉजी, प्रोप्राइटरी प्लग-एंड-प्ले फ़ास्ट चार्जिंग नेटवर्क को Rs. 3.5 प्रति किलोमीटर पर शो ऑफ भी करता है। तकनिकी के हवाले से बात की जाये तो- इस पूरी चार्जिंग प्रक्रिया को शुरुवात से अंत तक एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा संचालित एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सपोर्ट करता है जो पूरे सिस्टम को बहुत ही ज्यादा एफ्फीसिएंट बनाती है।
Hopcharge ने एक पावरफुल मॉडल का विकास किया है जो लिथियम-आयन एनर्जी स्टोरेज और एक तेज़ चार्जर को इलेक्ट्रिक व्हीकल से जोड़ता है जो पब्लिक फ़ास्ट चार्जर्स की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने की स्पीड को टक्कर दे सकता है। उन्होंने हमें बताया की यह पावरफुल चार्जिंग तकनीक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गयी जुड़ने वाली पावर बैंक्स को शामिल करता है।
कितना पड़ता है कास्ट और चार्जिंग टाइम
इस ऑन-डिमांड घर पर चार्जिंग पर सिंह जी ने कहा की ये सुविधा व्हीकल ओनर्स की कॉस्ट को भी काम करता है क्योकि ये Rs. 3.5 per किलोमीटर की सस्ती चार्जिंग फी लेते है।
Hopcharge का एक और महत्वपूर्ण फीचर यह है की यह चार्जिंग टाइम को घटाते हैं जो कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर व्यक्तिगत चार्जिंग टाइम से काफी कम है। वर्तमान में एक इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सबसे तेज़ चार्जिंग का समय लगभग 25-40 मिनट है जो कि पब्लिक चार्जिंग की एक और कमी है। और हॉपचार्ज का दावा है की उन्होंने इस समय को कम किया है।

Hopcharge के स्टार्टिंग के दिन
वर्तमान में Hopcharge ग्रुप में इ-मोबिलिटी ऑटोमोटिव और एनर्जी क्षेत्रों से 30 मेमबर्स शामिल हैं, लेकिन किसी भी स्टार्टअप की तरह कंपनी को भी स्टार्टिंग चुनौतियाँ भी मिली।
सिंह ने बताया की स्टार्टअप शुरू करने में तो आसान था लेकिन उनकी पहली चुनौती ईवी को चार्ज करने के लिए उपकरणों की मेकिंग थी, ऐसे तरीके खोजने थे जो यूजर्स के लिए आसानी से उपलब्ध हो।
क्या है Hopcharge का आगे का प्लान
Hopcharge ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने का लक्ष्य एक कंसिस्टेंट चार्जिंग मेथड प्रदान करना है। सिंह बताते हैं कि- हमे इस सफर में अर्ली अडोप्टर्स यानी पहले से इलेक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल करने वाले लोगो की उत्साहित प्रतिक्रिया का बड़ा योगदान रहा है और अधिक से अधिक लोगों ने हमें अपने रेस्पेक्टिव शहरों में अपनी सेवा का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित भी किया है। इस डिमांड को और बढ़ाने के लिए हॉपचार्ज ने अगले 12 महीनो के लिए अपनी तकनीक को अलग-अलग शहरों जैसे दिल्ली, एनसीआर, बेंगलुरु, और मुंबई में टेस्ट की शुरुवात करने का सोच रही है।

वर्त्तमान में कंपनी सफलता से दिल्ली-एनसीआर में अपनी सेवा On Demand Electric Vehicle Charging को Hopcharge सब्सक्रिप्शन प्लान के माध्यम से चला रही है। कंपनी ने बताया है की 2022 तक उन्होंने 255 से अधिक चार्जिंग सेशंस सफलतापूर्वक पूरा किये हैं।