
हिमाचल प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों से रिप्लेस करने का फैसला किया है और ये कहा कि Only Electric Vehicles In This State पर जोरो से काम होगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अगले पांच साल में सरकारी विभाग सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेगा और साथ ही चार्जिंग के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ाए जाएंगे।
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नरेश चौहान ने अपने बयान में कहा कि – “हम पर्यावरण को संरक्षित करेंगे और ऊर्जा की भी बचत करेंगे, हमारी सरकार ने अगले पांच वर्षों के दौरान सभी सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जाने का फैसला किया है। अब से इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदे जाएंगे और चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जैसा हम चाहते हैं हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखें,”।

EV Car
इस हफ्ते की शुरुआत में, नव नियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर हरित ईंधन का उपयोग करने का फैसला किया है। सुक्खू ने कहा कि राज्य में वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगी.ताकि पर्यावरण और ईंधन कि खपत दोनों को बैलेंस किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों की सुविधा के लिए प्लानिंग के तहत सिलेक्टेड स्थानों पर अधिकतम संख्या में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
हाल ही में बैन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि 2030 तक दोपहिया (2 Wheeler ) ईवी वाहनों की संख्या 40-45 प्रतिशत और चार पहिया (4 Wheeler) यात्री वाहनों (पब्लिक व्हीकल्स) की संख्या 15-20 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2030 तक भारत में हर साल लगभग 12 मिलियन से 13 मिलियन नए 2W EV और 1 मिलियन नए 4W PVs बेचे जाएंगे।