Global Two Wheeler मार्किट में हाल के दिनों में काफी बदलाव देख़ने को मिले हैं। ई-स्कूटर और वाहनों के पर्यावरण अनुकूल और कॉस्ट इफेक्टिव नेचर के कारण इसकी मांग तेजी से बढ़ी है जिससे की भविष्य में EV Charging Infrastructure & Electric Vehicles Charging Stations की भी भरी डिमांड होने वाली है। हालिया ऑटो रिपोर्ट से पता चलता है कि 2026 तक टू व्हीलर इंडस्ट्री अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को सालाना 30 मिलियन यूनिट से अधिक तक बढ़ाने की योजना बना रहा है।
क्या कहता है CAGR की रिपोर्ट?!

इतना ही नहीं, Motor Intelligence की मार्किट एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ई-मोटर बाजार में 9.94% की सीएजीआर (Compounded Annual Growth Rate) दर्ज होने की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बाजार में इस पॉजिटिव चेंज के बावजूद, बाजार को कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मैकिन्से एंड कंपनी के एक सर्वे के अनुसार, 64% ई-स्कूटर यूजर्स ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को इसे नहीं अपनाने का एक कारण बताया है। लोगों का मानना है कि जब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो जाती इसके पूर्ण रूप से अपनाने को संशय बना ही रहेगा।
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क्या कहता है CII की रिपोर्ट?!
चार्जिंग प्वाइंट की कमी और स्टैण्डर्ड चार्जिंग स्पीड दो बड़ी चुनौतियां हैं जिनका सामना आज के समय में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उपयोगकर्ता कर रहे हैं। अधिकांश ईवी चार्जिंग स्टेशन चार पहिया वाहनों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के मालिकों के लिए असुविधाजनक है और यदि सार्वजानिक स्थलों पर यह सुविधा है भी वहां दोपहिया वाहन उपयोगकर्ताओं को चार्जिंग के लिए काफी प्रतीक्षा करना पड़ता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा ‘EV Charging Infrastructure‘ पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार [Read Here: Click], भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को तेजी से अपनाने की सुविधा के लिए 2030 तक न्यूनतम 1.32 मिलियन चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता हो सकती है।

Two Wheeler Electric Vehicles Charging Stations
Two Wheeler Electric Vehicles वाहनों की तेजी से बढ़ती मांग और इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए पब्लिक प्लेसेस और प्रमुख जगहों पर EV Charging Infrastructure को विकसित करने की आवश्यकता है जो पूर्ण रूप से दोपहिया वाहनों के लिए हो। इस दिशा में केंद्र सरकार के साथ कई राज्य सरकार भी महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यह पहल उन दो प्रमुख समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है जिनका सामना इन दिनों इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उपयोगकर्ता कर रहे हैं Electric Vehicles Charging Stations में भीड़भाड़ और चार्जिंग में लगने वाला लंबा समय।

Electric Vehicles Charging Stations में विस्तार
जैसे आज हर स्टॉप पर आपको कम से कम एक पेट्रोल पंप मिलेगा, उसी तरह इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की चुनौती पर काबू पाने के लिए Electric Vehicles Charging Stations का विस्तार करना महत्वपूर्ण हो जाता है। कुछ हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि पार्क, पार्किंग स्थल आदि सहित सभी सार्वजनिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना अनिवार्य होनी चाहिए।
Electric Vehicles Charging Stations में सरकारी सहायता प्राप्त करें
ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की चुनौती से पार पाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार विशेष ग्रांट दे रही है। इस प्रकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से EV Charging Infrastructure नेटवर्क डेवेलप करने कि दिशा में तेजी से बढ़ा जा सकता है।
प्राइवेट सेक्टर के साथ सहयोग करना एडवांस्ड चार्जिंग टेक्नोलॉजी को विकसित करने में फायदेमंद हो सकता है जो इलेक्ट्रिक दोपहिया चार्जिंग की सुविधा को और बढ़ा सकता है। भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा 800 करोड़ रुपये के सब्सिडी ट्रासंफर के सहयोग से जल्द ही 7,432 Electric Vehicles Charging Stations स्थापित करेंगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ये नए स्टेशन देश में मौजूदा 6,586 Public Electric Vehicles Charging Stations के सप्लीमेंट होंगे।

Renewable Energy Resources पर डिपेंडेंसी
इलेक्ट्रिक चार्जर के सन्दर्भ में बताते हैं कि कई चार्जिंग स्टेशन अपने स्टेशनों को बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा जैसे Renewable Energy Resources पर निर्भरता बढ़ाने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं। इससे ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करने की दिशा में सकारात्मक बदलाव आएगा। यह एक ऐसी पहल है जो अपने समय से आगे है जो न केवल EV Charging Infrastructure की चुनौती को दूर करने में मदद कर सकती है बल्कि बिजली की कमी को भी कम कर सकती है।
Conclusion on EV Charging Infrastructure
आज ईवी वाहन विकास का एक इम्पोर्टेन्ट हिस्सा बन रहे हैं। तेजी से बढ़ते इस ऑटोमोबाइल बाजार में, भारत में वर्ष 2030 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ईवी बाजार बन जाएगा। इसलिए, इस क्षेत्र की पूरी क्षमता हासिल करने के लिए दोपहिया वाहनों के लिए EV Charging Infrastructure की चुनौती का समाधान करना आवश्यक है।
40% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, यह अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक हर साल लगभग 106 मिलियन ईवी बेची जाएंगी और प्रत्येक 40 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 1 चार्जर का आइडियल रेसिओ सुनिश्चित करना होगा। भारत को सालाना 4,00,000 से अधिक Electric Vehicles Charging Stations स्थापित करने की आवश्यकता होगी, जिसमें लक्षित वर्ष तक कुल 1.32 मिलियन चार्जर होंगे। इससे न केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का चलन बढ़ेगा, बल्कि स्वच्छ और हरित भविष्य में भी योगदान मिलेगा।